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रसमोहनी बाजार में पांचवीं बार भालू की दस्तक, वन विभाग की गश्त पर सवाल, पुलिस ने भगाया

 


शहडोल। सादिक खान 

शहडोल। जैतपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत रसमोहनी बस्ती में भालू का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दो सप्ताह में पांचवीं बार भालू गांव की बस्ती के बीच स्थित बाजार क्षेत्र में दिखाई दिया, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद वन विभाग द्वारा किए जा रहे सुरक्षा और गश्त के दावे जमीनी स्तर पर खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं।

ग्रामीणों के अनुसार बीती रात एक बार फिर भालू रसमोहनी बाजार में घुस आया। संयोगवश उसी समय जैतपुर थाने की पुलिस पार्टी पेट्रोलिंग पर थी। पुलिस वाहन की लाइट और सायरन की मदद से पुलिसकर्मियों ने भालू को जंगल की ओर खदेड़ा, तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पुलिस वाहन मौके पर नहीं होता, तो बड़ा हादसा भी हो सकता था।

स्थानीय लोगों ने बताया कि भालू की बार-बार मौजूदगी की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी जाती रही है। वन विभाग की ओर से यह दावा किया गया था कि क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गई है और अतिरिक्त वनकर्मी तैनात किए गए हैं, जो लगातार रसमोहनी बस्ती और बाजार क्षेत्र में निगरानी कर रहे हैं। हालांकि, बीती रात की घटना ने इन दावों की पोल खोल दी।

ग्रामीणों का आरोप है कि जब भालू बाजार में घुसा, उस समय मौके पर कोई भी वनकर्मी मौजूद नहीं था। उल्लेखनीय है कि रविवार शाम को स्वयं डीएफओ मौके पर पहुंची थीं और हालात का जायजा लेकर अधिकारियों को कड़े निर्देश भी दिए थे। इसके बावजूद उसी रात भालू का बस्ती में घुसना वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है।

लगातार हो रही घटनाओं से ग्रामीणों में डर बना हुआ है। लोगों ने वन विभाग से स्थायी समाधान, नियमित गश्त और प्रभावी निगरानी व्यवस्था की मांग की है, ताकि किसी अनहोनी से पहले हालात पर काबू पाया जा सके।

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