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….बीच रास्ते ख़त्म हो गया जिन्दगी का सफर!रीवा से जयसिंहनगर के लिए बस मे सवार हुआ था यात्री,,कंडेक्टर की मानवता बनी उसके लिए मुसीबत



शहडोल। सादिक खान 

शहडोल। माँ की कोख से नौ माह बाद इंसान का जन्म होगा यह तो सबको पता है, लेकिन दुनिया मे आने के बाद जिंदगी का सफर कब ख़त्म होगा, इसका कोई ठिकाना नही। आज सुबह भी बस मे सवार यात्री का सफऱ पूरा होने से पहले उसके जिंदगी के सफर का अंत हो गया। जानकारी के अनुसार मानपुर के ग्राम खिचखिड़ी निवासी गुलाब केवट पिता जगनाथ केवट 60 वर्ष आज सुबह रीवा से नफीस ट्रैवल्स की बस क्रमांक एमपी 18 पी 0385 मे रीवा से सवार हुए। वह बस की सीट क्रमांक 21,22 व 23 के बीच मे बैठ गए। उन्होंने जयसिंहनगर तक का टिकट कटाया था। उनके अगल बगल की दोनों सीटें खाली थी। रीवा से बस सुबह 5 बजे रवाना हुईं। ज़ब बस सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर बाणसागर के पास पहुंची तो कुछ यात्री वहाँ से चढ़े तो बस का कंडेक्टर शैलेन्द्र त्रिपाठी उस बुजुर्ग यात्री के जगाया ताकि उन्हें खिसकाकर दूसरे यात्री को वहाँ बैठा सके। लेकिन तब तक बस मे बैठे बैठे ही उस बुजुर्ग यात्री के प्राण निकल चुके थे।

कंडेक्टर की मानवता बनी उसके लिए मुसीबत 

इसके बाद कंडेक्टर ने मानवता दिखाते हुए तत्काल हीं उसे बांणसाग़र थाने में इसकी जानकारी दी । जहाँ डॉक्टर नही होने की बात कहते हुए ब्यौहारी जाने की सलाह दी गई। इसके बाद सुबह 7 बजकर 25 मिनट पर बस ब्योहारी पहुंची। जहाँ अस्पताल ले जाने पर इस बात की पुष्टि चिकित्सक द्वारा कर दी गई कि उक्त बुजुर्ग यात्री की मौत हो चुकी है। इसके बाद बस कंडेक्टर द्वारा ब्यौहारी थाने मे घटना की जानकारी दी गई। और बोला गया कि बस मे और यात्री सवार है, जिन्हे गनतंव्य तक पहुंचना है, इसलिए आप शव को अस्पताल मे रखवा दीजिये। और बस को जाने दीजिये। लेकिन थाना पुलिस ने कंडेक्टर की एक बात नही सुनी और बस को वहीं खड़ा करा लिया। जिससे बस मे सवार अन्य यात्री परेशान होते रहें। इस बीच देरी होने के कारण बस का उक्त रूट का नंबर समाप्त हो गया। इसके बाद यात्रियों ने वैकल्पिक व्यस्था से आगे की यात्रा की।ब्यौहारी थाना प्रभारी अरुण पांडे ने बताया कि कार्यवाही में कुछ समय लगा है, उस दौरान बस के यात्री दूसरी बस से रवाना हो गए होंगे। बस को हमने रोका नहीं था कंडक्टर से कुछ कागजी कार्रवाई ,कारवाई गई थी।

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