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लाडले को मौत के मुँह से निकाल लाए डॉक्टर, सर्प दंश के बाद जिला चिकित्सालय लेकर आए थे परिजन

 


शहडोल। सादिक खान 

शहडोल। सर्प दंश के बाद गंभीर हालत में जिला चिकित्सालय के पी आई सी यू वार्ड में लाए गए एक नौ वर्षीय बच्चे को चिकित्सको एवं स्टाफ ने एक नया जीवन प्रदान किया हैं। दिनों रात बच्चे का समुचित उजचार एवं देख रेख करने के बाद अब वह पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हो चुका हैं।जिसके बाद बच्चे के परिजन अस्पताल के चिकित्सक व स्टाफ को दुआएं देते नही थक रहें हैं। 

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार शिवदास बैगा उम्र 9 वर्ष पिता संतोष बैग निवासी ग्राम चुनिया को बीते 18 जून की देर रात जिला चिकित्सालय के पीआई सी यू वार्ड में लाया गया था । जहां परिजनों ने बताया कि बच्चे को रात मे लगभग 3 बजे जमीन पर सोते वक्त उसके जंग में सांप ने काट लिया है| बच्चा जब अस्पताल में आया था तब उसे सांस लेने में बहुत ज्यादा तकलीफ हो रही थी। जिसे देखते हुए बच्चे का तुरंत उपचार शुरू किया गया ।ऑक्सीजन पे रखते हुए एंटी स्नेक वीनम दिया गया ।इस दौरान देखते ही देखते बच्चे का हाथ पैर सुन हो गए थे और परालिसिस बढ़ता गया। जिस कारण बच्चा कोमा में चला गया एवं सांस नहीं ले पा रहा था। उसकी गंभीरता देखते हुए उसे वेंटिलेटर मशीन में रखा गया, सभी जरुरी प्रयास किये जा रहे थे ।

पेट से बहने लगा था खून 

इलाज के दूसरे दिन बच्चों के पेट से खून बहना चालू हो गया था।जिसके लिए उसे दो बार खून भी चढ़ाना पड़ा, बच्चे की दिल की धड़कनें भी धीमी हो रही थी एवं किडनी भी ठीक से काम नहीं कर पा रही थी। डॉक्टर और स्टाफ नर्स ने मिलकर बच्चों को बचाने के लिए अपना पूरा सपर्पण दिखाया, बेहतर तरीके से इलाज किया एवं उसे ठीक करने के लिए हर संभव प्रयास किया।

20 एंटी स्नेक लगाई गईं 

इलाज के दौरान बच्चों को एंटी स्नेक वेनम की 20 वायल लगाई गई तब जाकर बच्चे के शरीर से जहर खत्म हुआ। लगातार 5 दिन तक गहन उपचार के बाद बच्चे को वेंटिलेटर से बाहर निकाला गया एवं ऑक्सीजन पर रखा गया। अब बच्चा लगभग पूरी तरह से स्वस्थ है| खाना पीना खा पी पा रहा है। बच्चे के माता-पिता एवं परिजन काफी खुश हैं | बच्चे के उपचार में जिला चिकित्सालय शहडोल के पी आई सी यू के सभी डॉक्टर एवं नर्स की टीम ने बहुत अच्छा काम किया एवं उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई और बच्चे की जान बच गईं।

समय से मिला उपचार 

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील हथगेल ने बताया कि व परिजनों ने सर्प के काटने के आधे घंटे के भीतर ही मरीज को अस्पताल ले आए थे जिसके कारण उसका उपचार समय से चालू हो पाया एवं हमारे प्रयासों को सफलता मिली। अगर वह आधे घंटे और विलंब से लाते तो शायद हमारी मेहनत सार्थक नहीं हो पाती ।बच्चे के उपचार के दौरान डॉ. बृजेश पटेल, डॉ. सुप्रिया, डॉ. कृष्णनेंद्र, डॉ. नीरज एवं पी आई सी यू इंचार्ज नर्सिंग ऑफिसर अपर्णा सिंह, सृष्टि, रूबी एवं अन्य सभी स्टाफ ने हर संभव प्रयास कर उसे मौत के मुँह में जाने से बचाया। 

आमजन से चिकित्सक की अपील 

डॉक्टर हाथगेल ने अनुरोध किया हैं कि अगर कभी भी इस तरह की सर्प दंश की घटनाएं होती हैं तो उसमें बिना समय खराब किए तुरंत ही नजदीकी अस्पताल ले जाना चाहिए ताकि मरीज का समय पर उपचार शुरू हो सके और उसकी जान बचाई जा सके।

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