शहडोल। सादिक खान
शहडोल। जिले में जंगली हाथियों के बाद अब बाघ ने दस्तक दी है। बाघ के हमले से एक मवेशी की मौत के बाद बाघ के आमद की जानकारी स्थानीय लोगों को हुई,जिसके बाद वन विभाग के अधिकारियों को ग्रामीणों ने मामले की जानकारी दी, मौके पर वन विभाग की टीम पहुंच कर क्षेत्र में मुनादी करना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों को खेत व जंगल में बाघ के पखमार मिले है। जिससे लोगों में काफी डर का माहौल है। मामला केशवाही वन परिक्षेत्र का है।
केशवाही वन परिक्षेत्र के रुपौला के पास स्थित कोपरा कोटा के रहने वाले परमेश्वर सिंह ने बताया कि वह अपने घर से मवेशियों को चराने के लिए पास में स्थित कोपरा कोटा जंगल गए थे, शाम के वक्त उन्होंने अपने मवेशियों को घर की ओर खदेड़ा तो उसमें एक मवेशी कम था। इसके बाद परमेश्वर सिंह अन्य मवेशियों को लेकर घर पहुंचा और घर के लोगों को एक मवेशी कम होने की जानकारी दी, गांव के लोग इकट्ठा हुए और मवेशी की तलाश में जुड़ गए।
और कोपरा कोटा के जंगल में लापता मवेशी मृत अवस्था में मिला, जिसे देख ग्रामीण डर गए , क्यों की मवेशी के शरीर में बाघ के हमले के निशान दिखाई दिए। परमेश्वर सिंह ने बताया कि जहां पर मवेशी मृत अवस्था में पड़ा था,वही पास में गीली मिट्टी में बाघ के कई पखमार दिखे । गांव के कुछ लोगों ने बाघ के पखमार की फोटो ली और मौके से भाग निकले, गांव आने के बाद लोगों ने मामले की जानकारी वन विभाग को दी,जानकारी के बाद वन विभाग का अमला मौके पर पहुंच जांच शुरू कर दी है।
केशवाही रेंजर अंकुर तिवारी ने बताया कि कोपरा कोटा में एक पिछले एक सालों से अपना डेरा बनाए हुए है। बाघ ने इसे अपना कॉरिडोर बना लिया है। हम आसपास के गांव में मुनादी कर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं, कि लोग जंगल की ओर न जाए। बाघ ने एक मवेशी का शिकार किया है। हम अपनी प्रक्रिया कर रहे हैं।
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