शहडोल। सादिक खान
शहडोल। जहरीले सर्प काटने के बाद युवक को सही समय पर उपचार नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई है। घटना जैतपुर के घोघरी गांव में उस समय घटी जब युवक घर में सो रहा था, तभी उसे जहरीले सांप ने काट लिए, पैर में सांप के काटने के तुरंत बाद उसने उसकी जानकारी परिजनों को दी,जिसके बाद परिजन युवक को अस्पताल ले जाने की तैयारी करने लगे दो घंटे तक मौके पर 108 एंबुलेंस नहीं आई, जब डायल हंड्रेड मौके पर पहुंची तब कही जा कर युवक को अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टर नदारद था। जिसके बाद परिजन अपने खर्च से निजी वाहन कर युवक को जिला अस्पताल ले कर पहुंचे जहां उसकी मौत हो गई है।
बबरु के पिता दौऊआ बैगा ने बताया कि मेरे पुत्र को कल रात 10 बजे घर में सोते समय पैर में जहरीले सांप ने काट लिया था। इसके बाद उसने मुझे इसकी जानकारी दी,हमने देखा तो सांप घर के अंदर ही मौजूद था,जिसके बाद सांप को हमने मारा और 108 एंबुलेंस को फोन किया जब तक मेरा पुत्र सही सलामत था, सांप को मारने में पिता का बबरु ने साथ भी दिया था।पिता ने आगे कहा कि हमें 108 एंबुलेंस से फोन आया कि आप इंतजार करे जल्द आपके पास हमरा वाहन मदद के लिए आ रहा है।
दो घंटे बाद आई डायल हंड्रेड तब पहुंचे अस्पताल
पिता दौऊआ बैगा ने कहा 108 एंबुलेंस का इंतजार करते-करते 2 घंटे बीत गए, कई बार फोन लगाया गया तो बस एम्बुलेंस कर्मियों का कहना था कि हम जल्द ही आप तक पहुंच जाएंगे। लेकिन 2 घंटे का समय बीत गया, रात का वक्त था,108 एंबुलेंस के इंतजार में 12: बज गए। आसपास में कोई वाहन भी उपलब्ध नहीं था, जिससे वह अपने पुत्र को अस्पताल ले जा सके। घटना जैतपुर के घोघरी गांव की है। जहां से 15 किलोमीटर की दूरी पर जैतपुर अस्पताल है। पिता ने कहा कि जब 108 एंबुलेंस नहीं पहुंची तो हमने रात 12 बजे पुलिस की डायल हंड्रेड से मदद मांगी ,जिसके बाद डायल 100 कर्मी मौके पर पहुंचे और मेरे पुत्र को जैतपुर अस्पताल ले जाया गया जब तक वह बेहोश हो चुका था।
नहीं मिले डॉक्टर,इलाज के अभाव में तोडा दम
बबरु के पिता का आरोप है कि जैतपुर अस्पताल में जब हम पहुंचे तो बबरु बेहोश हो चुका था, अस्पताल में हम मदद की गुहार लगा रहे थे, एक नर्सिंग स्टाफ था जिसका कहना था कि इसका इलाज डॉक्टर ही कर पाएंगे। इंजेक्शन डॉक्टर को ही लगाना है, लेकिन अस्पताल में डॉक्टर नहीं था। डायल हंड्रेड भी अस्पताल में छोड़ने के बाद मौके से चली गई थी। पिता ने कहा अस्पताल के बाहर निज एंबुलेंस थी, जिसे 2500रुपए देकर हमने किराए पर लिया और जिला अस्पताल शहडोल लेकर बबरु को हम उपचार कराने पहुंचे, जहां डॉक्टर ने कहा आपने काफी देर कर दी है, और शनिवार की तड़के 4 बजे युवक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया है।
बबरु बैगा (32) की इलाज के अभाव में मौत हो गई है, समय पर अगर एंबुलेंस पहुंच जाती है तो शायद है कि युवक की जान बच सकती थी, पिता एवं परिवार के लोगों का आरोप है कि जैतपुर अस्पताल में डॉक्टर नहीं थे, जिसकी वहज से उनके पुत्र की जान चली गई। जैतपुर के लोगों का कहना है कि जैतपुर अस्पताल में पदस्थ डॉ परस्ते हमेशा शराब के नशे में रहते हैं, और ड्यूटी पर समय पर मौजूद नहीं रहते,जिससे लोगों को काफी समस्याएं होती हैं,कई बार शिकायतें हुई है लेकिन कार्यवाही अब तक नहीं हुई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर राजेश मिश्रा का कहना है कि मामले की जांच करवाई जाएगी, जो भी दोषी होगा उस पर कारवाही की जाएगी।
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