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मुख्य मार्ग में आ गए गजराज,वन अमला नदारद, जान जोखिम में डाल लोग निकालते रहे वाहन



 शहडोल। सादिक खान 

शहडोल। ब्यौहारी में जंगली हाथियों का तांडव रुकने का नाम नहीं ले रहा है, और वन विभाग हाथियों को खदेड़ने में नाकाम है। अब एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिसमें शहडोल रीवा मुख्य मार्ग में एक जंगली हाथी काफी समय तक बीच सड़क पर खड़ा था, और मौके पर कोई भी वन कर्मचारी मौजूद नहीं था, जिससे आने जाने वाले वाहन चालकों ने लापरवाही पूर्वक वाहनों को हाथी के बगल से वाहन निकालते नजर आ रहे हैं। इस मामले में वन विभाग के साथ वाहन चालकों की बड़ी लापरवाही सामने आई है।

ब्यौहारी जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र सिंह पटेल ने इस वीडीओ को अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर वन विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए है।पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि पूर्व ब्यौहारी वन परिक्षेत्र के समधिन नदी के पास एक हाथी मंगलवार रात तकरीबन 10 बजे शहडोल रीवा मुख्य मार्ग में आ गया, और सड़क पर खड़ा हो गया। पुष्पेंद्र सिंह ने आगे कहा मुझे रीवा की ओर जाना था,तभी रास्ते में एक हाथी सड़क पर दिखाई दिया,जिसके बाद उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी, लेकिन अमला तीन किलोमीटर दूर ही खड़ा रहा और वहीं से हाथी की निगरानी करता रहा। जिसमें तीन कर्मचारी थे।सड़क पर खड़े हाथी के नजदीक से लोग अपने चार पहिया वाहनों को निकालते रहे,जिन्हें रोकने टोकने वाला कोई मौके पर नहीं था, हाथी से लगभग तीन से चार फिट की दूरी से वाहन निकालते वाहन चालक वीडीओ में साफ दिखाई दे रहे है।जो एक बड़ी लापरवाही भी है।

 पूर्व ब्यौहारी वन परिक्षेत्र का यह मामला है एक स्थानीय निवाशी ने कहा इसमें वन विभाग के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। हाथियों का झुंड इस क्षेत्र में पिछले एक सालों से विचरण कर रहा है। लेकिन अधिकारी इसे हल्के में ले रहे हैं। जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र सिंह ने कहा,हाथी सड़क पर मौजूद था, और लोग अपने वाहनों को उसके पास से निकाल रहे हैं। यह एक बड़ी लापरवाही खुद वाहन चालकों की कही जा सकती है। साथ ही साथ वन विभाग के अधिकारियों को जब यह बात की जानकारी है, कि इस क्षेत्र में हाथी लगातार मूमेंट कर रहे हैं तो अधिकारियों को समय पर पहुंचकर मार्ग को बंद करवा देना चाहिए, लेकिन अधिकारी इस पर लापरवाही क्यों बरत रहे है। गनीमत रही की कोई घटना नहीं घटी, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों की यह एक बड़ी लापरवाही है।

इस मामले में जब हमने रेंजर संदीप गौतम से बात करनी चाही, तो उनसे संपर्क ना हो सका।



 

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