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शहडोल जिले में ग्रामीणों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे झोलाछाप डॉक्टर,हर मर्ज का इलाज करते हैं यहां झोलाछाप डॉक्टर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कुम्भकर्णी नींद में

 


शहडोल। जिले में इन दिनो झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। ये झोलाछाप डॉक्टर अपना अधकचरा ज्ञान लिए ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानदारी संचालित कर ग्रामीणों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। सोमवार को जिले के ब्यौहारी में एक झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से एक वृद्ध की मौत हो जाने के बाद जब हमने जिले के ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं की वास्तविकता देखने ग्रामीण क्षेत्र पर नजर घुमाई तो जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टर विश्वास(जिन्हें ग्रामीण बंगाली डॉक्टर के रूप में जानते हैं) मरीज का इलाज करते नजर आए। ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध रूप से संचालित कई मेडिकल स्टोर में एक्सपायरी डेट की दवाई बेचने की चर्चा भी ग्रामीणों में है। जिले के अंतिम छोर पर स्थित ग्राम पंचायत झींक बिजुरी में तो अजब हाल है। यहां थाने और ग्राम पंचायत भवन से महज 200 मीटर की दूरी पर डॉक्टर विश्वास (बंगाली डॉक्टर) एक बड़े मकान में अस्पताल के साथ ही मेडिकल स्टोर भी संचालित कर रहा है। हैरत की बात तो यह है कि जब इस डॉक्टर विश्वास (बंगाली डॉक्टर) के संबंध में सीएमएचओ डॉक्टर एके लाल से जानकारी ली गई तो वे इस झोलाछाप डॉक्टर से पूरी तरह अनभिज्ञ नजर आए। जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, कि जिस अधिकारी को इन झोलाछाप पर कार्रवाई करनी है उस अधिकारी को ही इस बात की जानकारी नहीं है।  ग्राम पंचायत झींक बिजुरी में थाना और ग्राम पंचायत भवन से महज 200 मीटर की दूरी पर झोलाछाप बंगाली डॉक्टर दो मंजिला भवन में पूरा अस्पताल संचालित कर रहा है। यह बंगाली डॉक्टर तथाकथित अस्पताल भवन में एक मेडिकल स्टोर भी खोल कर रखा हुआ है। इसमें नीचे एक बड़ा हाल है जिसमें मरीज को भर्ती कर इंजेक्शन और बोतल लगाई जाती है। हॉल में एक कोने पर बड़ी संख्या में दवा एकत्र कर रखी गई है और इन दवाई के बीच ही ऑपरेशन के दौरान उपयोग में ले जाने वाले कई औजार भी रखे नजर आए। ऑपरेशन के औजारों को देखकर संभावना है कि यहां मरीज का तथाकथित रूप से ऑपरेशन भी किया जाता होगा। भवन में मौजूद कई मरीजों में से एक ने नाम न छापने की शर्तों पर दबी जुबान में बताया कि इस झोलाछाप डॉक्टर की पत्नी भी मरीज का इलाज करती है। अब सवाल यह उठ रहा है कि जब इतने बड़े भवन में पूरी अस्पताल ही संचालित की जा रही है , संबंधित बीएमओ और सीएमएचओ कार्यालय कैसे इससे अनजान है। ग्राम पंचायत झींक बिजुरी तो सिर्फ एक उदाहरण है, जिले में बुढ़ार, जयसिंहनगर, अमझोर, ब्यौहारी, केशवाही सहित अनेकों गांव में यह झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय हैं। शहडोल शहर भी इसे से अछूता नहीं है।सीएमएचओ डॉक्टर एके लाल से झींक बिजुरी के इस झोलाछाप बंगाली डॉक्टर के संबंध में जब जानकारी ली गई तो वह पूरी तरह से अनजान नजर आए।उन्होंने कहा कि आपने इस झोलाछाप डॉक्टर के बारे में जानकारी दी है, मैं कल टीम भेज कर पूरी कार्रवाई कराऊंगा।

यह है ब्यौहारी का मामला

ब्यौहारी क्षेत्र के वार्ड नंबर 4 के रहने वाले कौशल प्रसाद पटेल उम्र 80 वर्ष को बुखार था। इलाज कराने के लिए परिजन सोमवार को वृद्ध को ब्यौहारी स्थित झोलाछाप डॉक्टर उमेश द्विवेदी के क्लीनिक में ले गए जहां इस झोलाछाप डॉक्टर ने वृद्ध को इंजेक्शन लगा कर भर्ती कर लिया। परिजानो का आरोप है की इंजेक्शन लगाते ही वृद्ध की हालत बिगड़ी और वृद्ध ने कुछ मिनट में ही दम तोड़ दिया है। मौत के बाद नाराज परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर की क्लीनिक में ही हंगामा खड़ा कर दिया था। पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम किया है।



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