शहडोल। सादिक खान
शहडोल।जिले के जिला चिकित्सालय में इलाज के नाम पर पैसे मांगने का एक और गंभीर मामला प्रकाश में आया है। सोहागपुर कोनी तिराहा निवासी रितेश कुमार गुप्ता नामक युवक ने इलाज के दौरान चिकित्सक द्वारा पैसे मांगने की शिकायत शहडोल के कमिश्नर से की है। रितेश का कहना है कि उसकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान सरकारी अस्पताल में होना चाहिए, लेकिन चिकित्सक के भ्रष्टाचार ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
रितेश ने बताया कि उसे पेट में तेज दर्द होने के कारण गुरुवार को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। वहां सर्जन ने उसकी जांच के बाद बताया कि उसके पेट में पथरी है और इलाज के लिए उसे कुछ पैसे खर्च करने होंगे। चिकित्सक ने रितेश से कहा कि वह उसके घर के पास स्थित सर्किट हाउस के सामने आ जाएं, तभी उसका इलाज संभव होगा।
इस घटना के बाद रितेश ने कमिश्नर से शिकायत करते हुए कहा, मैं एक गरीब परिवार से हूं और प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने की स्थिति में नहीं हूं। मैं सरकारी अस्पताल आया था ताकि मुझे उचित स्वास्थ्य सेवा मिल सके। लेकिन यहां भी अगर पैसे मांगने का सिलसिला चल रहा है, तो मुझे समझ में नहीं आता कि मैं कहां जाऊं।
पूर्व में भी आए हैं कई मामले
यह पहला मामला नहीं है जब जिला चिकित्सालय में मरीजों से पैसे वसूले जाने की शिकायत आई हो। पिछले कुछ समय में भी कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें मरीजों से इलाज के नाम पर पैसे मांगे गए हैं। पहले भी जब शिकायतें आईं, तो अस्पताल प्रबंधन ने संबंधित चिकित्सकों को निलंबित किया था, लेकिन जांच के बाद मामले ठंडे बस्ते में चले गए।
मरीजों के लिए चिंता का विषय
इस तरह की घटनाएं मरीजों के लिए चिंता का विषय बन गई हैं, खासकर तब जब वे स्वास्थ्य सेवाओं की तलाश में सरकारी अस्पतालों का रुख करते हैं। कई गरीब परिवार ऐसे हैं जो प्राइवेट अस्पतालों के खर्चे नहीं उठा सकते और उन्हें सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में जब भ्रष्टाचार के मामले सामने आते हैं, तो यह न केवल मरीजों के लिए बल्कि स्वास्थ्य प्रणाली के लिए भी एक चुनौती बन जाती है।
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