शहडोल। सादिक खान
शहडोल। जिला चिकित्सालय शहडोल के शिशु रोग वार्ड में आज ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) दिवस मनाया गया। इस विशेष अवसर पर शिशु रोग विशेषज्ञों और नर्सिंग ऑफिसर्स ने मिलकर बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह था कि दस्त और उल्टी जैसी बीमारियों के समय सही उपचार के महत्व को सभी परिजनों तक पहुंचाया जा सके।
इस आयोजन के दौरान डॉक्टरों और नर्सिंग ऑफिसर्स ने वार्ड में उपस्थित सभी मरीजों के परिजनों को ओआरएस के महत्व के बारे में जानकारी दी। बताया गया कि हर साल लाखों बच्चे दस्त के कारण अति नीरजलिकारण का शिकार होते हैं, जिससे उनकी मृत्यु हो जाती है। भारत में, 5 साल तक के बच्चों में यह मृत्यु का तीसरा सबसे बड़ा कारण है। डॉक्टरों ने बताया, अगर परिजन घर पर ही समय पर और सही तरीके से बच्चों को ओआरएस का घोल पिलाते हैं, तो इससे बच्चों की जान बचाई जा सकती है और बीमारी की गंभीरता को कम किया जा सकता है।"
कार्यक्रम के दौरान नर्सिंग ऑफिसर ने ओआरएस घोल बनाने की विधि सभी उपस्थित परिजनों को दिखाते हुए समझाया। साथ ही, सभी 42 लोगों को एक साथ ओआरएस घोल बनाकर उसका सही उपयोग कैसे करना है, यह भी सिखाया गया। उन्होंने कहा, दस्त में ओआरएस और जिंक ही सबसे महत्वपूर्ण उपचार होते हैं, और इनका सही उपयोग जानना बहुत जरूरी है।
कार्यक्रम में उपस्थित आरएमओ डॉक्टर पुनीत श्रीवास्तव ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा, यहां पर दी गई जानकारी न केवल आवश्यक थी, बल्कि यह निश्चित रूप से समुदाय में ओआरएस घोल के प्रति जागरूकता बढ़ाएगी।
डॉक्टर सुनील हथगेल और डॉ बृजेश पटेल ने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से हम बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
इस कार्यक्रम के माध्यम से चिकित्सालय ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि सही जानकारी और समय पर कार्रवाई से बच्चों के जीवन को बचाया जा सकता है। सभी उपस्थित लोगों ने इस प्रकार की जागरूकता कार्यक्रम की सराहना की और इसे भविष्य में भी जारी रखने की आवश्यकता बताई।
इस तरह के आयोजन स्वास्थ्य क्षेत्र में न केवल जागरूकता बढ़ाते हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में भी मदद करते हैं। ओआरएस की सरलता और प्रभावशीलता को समझकर, समुदाय के लोग अपने बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं।
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