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बिरसा मुंडा चिकित्सा महाविद्यालय में वाइट कोट एवं शपथ ग्रहण समारोह सम्पन्न, 100 नए MBBS छात्रों ने धारण किया वाइट कोट



शहडोल। सादिक खान 

शहडोल। बिरसा मुंडा सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय में नव-प्रवेशित 100 एमबीबीएस छात्रों के लिए वाइट कोट एवं शपथ ग्रहण समारोह अत्यंत गरिमामय वातावरण में आयोजित किया गया। यह ऐतिहासिक अवसर न केवल विद्यार्थियों के अकादमिक जीवन का महत्वपूर्ण अध्याय है, बल्कि उनके चिकित्सा पेशे में आधिकारिक प्रवेश का भी प्रतीक बन गया। समारोह में छात्रों ने चिकित्सा जगत की नैतिकता, जिम्मेदारी और समर्पण की दिशा में पहला औपचारिक कदम बढ़ाया।

कार्यक्रम की शुरुआत परंपरागत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई, जिसके माध्यम से ज्ञान, सीख और सेवा की भावना का आह्वान किया गया। इस दौरान सभागार में उपस्थित संकाय सदस्यों, अभिभावकों और छात्रों ने उत्साहपूर्वक कार्यक्रम का स्वागत किया।

समारोह में डीन डॉ. गिरीश बी. रामटेके, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. नागेन्द्र सिंह, डॉ. मितेश सिन्हा, डॉ. विक्रांत कबीरपंथी, डॉ. राजेश खरात, डॉ. महेन्द्र जायसवाल, डॉ. प्रांदा शुक्ला, डॉ. रिनु शर्मा, डॉ. राजेश तेंभुर्णीकर, डॉ अखिलेश प्रताप सिंह, डॉ नमन अवस्थी, डॉ वर्तिका दुबे सहित संस्थान के वरिष्ठ संकाय सदस्यों की विशेष उपस्थिति रही। उनके संबोधनों ने न केवल कार्यक्रम को गरिमामयी बनाया, बल्कि छात्रों के मनोबल को भी नई ऊंचाइयाँ प्रदान कीं।

अपने उद्बोधन में डीन डॉ. रामटेके ने चिकित्सा पेशे की पवित्रता, दायित्व और नैतिक मूल्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि ‘हिप्पोक्रेटिक ओथ’ एवं ‘महर्षि चरक शपथ’ केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि आजीवन पालन किए जाने वाले आदर्श हैं। उन्होंने कहा कि एक चिकित्सक का जीवन सेवा, सहानुभूति, सत्यनिष्ठा और निरंतर सीखने पर आधारित होता है।

इसके बाद छात्रों के लिए सबसे प्रतीक्षित क्षण वाइट कोट धारण का आयोजन किया गया। संकाय सदस्यों ने एक-एक कर सभी 100 नव-प्रवेशित छात्रों को वाइट कोट पहनाकर चिकित्सा क्षेत्र में उनके औपचारिक प्रवेश को चिह्नित किया। छात्रों की आँखों में गर्व और भावनात्मक उत्साह झलक रहा था।

वाइट कोट धारण के पश्चात सभी छात्रों ने एक स्वर में हिप्पोक्रेटिक ओथ और महर्षि चरक शपथ का सामूहिक उच्चारण किया। इस शपथ के माध्यम से उन्होंने रोगियों के सम्मान, गोपनीयता, सेवा, कर्तव्यनिष्ठा और नैतिक चिकित्सा पद्धतियों को जीवन भर निभाने का संकल्प लिया।

समारोह का समापन वरिष्ठ संकाय सदस्यों के मार्गदर्शन, प्रेरक संदेशों और छात्रों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाओं के साथ हुआ। कार्यक्रम ने नव-प्रवेशित छात्रों में नई ऊर्जा, जिम्मेदारी और चिकित्सा सेवा के प्रति समर्पण का भाव जागृत किया।



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