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नागरिक अधिकार न्याय यात्रा: शहडोल के व्यापारियों का बाजार बंद प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन



 शहडोल। सादिक खान 

शहडोल। शुक्रवार को जिला व्यापारी संघ द्वारा आह्वान पर शहर में एक सांकेतिक बाजार बंद रखा गया, जिसमें व्यापारियों के साथ-साथ आम नागरिकों ने भी भागीदारी निभाई। सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक दवा दुकानों और पेट्रोल पंपों को छोड़कर सभी प्रकार के व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। चाय, पान, फल-सब्जी और छोटे दुकानदारों ने भी इस आंदोलन में अपनी आवाज उठाई।सुबह 10 बजे न्यू बस स्टैण्ड से बड़ी संख्या में व्यापारी और नागरिक एकत्र हुए और नागरिक अधिकार न्याय यात्रा का आयोजन किया। यह यात्रा बलपुरा रोड से होते हुए इंद्रा चौक, न्यू गांधी चौक, पुराना नगरपालिका चौक, अंबेडकर चौक से होकर जय स्तंभ चौक तक पहुंची। कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचकर व्यापारियों ने नगर विकास और नागरिक समस्याओं से संबंधित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा।

व्यापारियों की प्रमुख मांगें

गड्ढों से भरी सड़कें: शहर में अनेक स्थानों पर सड़कें खस्ताहाल हो चुकी हैं, जिससे वाहन चलाने में कठिनाई होती है।

वाहन पार्किंग की समस्या: बाजार में अव्यवस्थित वाहन पार्किंग से व्यापारियों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

बंद पड़े ट्रैफिक सिग्नल और सीसीटीवी कैमरे: सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन में अव्यवस्था के चलते आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है।

आवारा पशुओं से दुर्घटनाएं: नगर में आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या से सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ है।

सुस्त नगरपालिका प्रशासन: व्यापारियों ने नगरपालिका प्रशासन की कार्यशैली पर भी प्रश्न उठाया है।

इसके अतिरिक्त, बलपुरवा रोड से बुढ़ार चौक तक प्रस्तावित मॉडल रोड निर्माण पर भी व्यापारी संघ ने आपत्ति दर्ज की है। उनके अनुसार, इस निर्माण में पट्टेदार व्यापारियों के हितों की अनदेखी की जा रही है, जिससे उन्हें पहले भी नुकसान उठाना पड़ा था।

कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन 

व्यापारियों ने स्पष्ट किया कि वे विकास कार्यों के विरोधी नहीं हैं, लेकिन सभी कार्य व्यापारिक हितों और संवाद के साथ होने चाहिए। व्यापारियों ने कलेक्टर से यह मांग की कि प्रस्तावित रोड निर्माण पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही व्यापारी संघ के साथ बैठक के बाद ही की जाए।

व्यापारी संघ के अध्यक्ष, लक्ष्मण गुप्ता ने कहा, हम समझते हैं कि विकास आवश्यक है, लेकिन इसे व्यापारिक समुदाय की राय को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। हम अतिक्रमण नोटिस के खिलाफ हैं और प्रशासन से ठोस कदम उठाने का आग्रह करते हैं।





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